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सोच बदलो, ज़मीन पकड़ो: युवा पीढ़ी को क्यों करना चाहिए अचल संपत्ति में निवेश?

प्रस्तावना:

आज का युवा तेजी से तरक्की की ओर बढ़ रहा है। टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप, क्रिप्टोकरेंसी, शेयर बाजार — हर कोई ‘फास्ट मनी’ की तलाश में है। लेकिन क्या हमने कभी उस संपत्ति के बारे में सोचा है जो न सिर्फ सुरक्षित होती है, बल्कि स्थायी भी होती है?
हां, हम बात कर रहे हैं ज़मीन की।

जब मैं (प्रदीप सक्सेना) युवाओं से पूछता हूँ कि वे अपने पहले कमाए पैसे से क्या करेंगे, तो जवाब होता है — बाइक खरीदेंगे, मोबाइल अपग्रेड करेंगे, घूमने जाएंगे।
बहुत कम लोग कहते हैं — “मैं ज़मीन खरीदूंगा।”
यहीं से फर्क शुरू होता है — सोच का फर्क।


आज के युवाओं की निवेश प्राथमिकताएँ:

  • शेयर मार्केट: तेज मुनाफे के चक्कर में भारी नुकसान
  • म्यूचुअल फंड्स: जोखिम कम, लेकिन समझदारी चाहिए
  • क्रिप्टोकरेंसी: अनिश्चितता और अस्थिरता
  • मोबाइल-गैजेट्स: हर साल बदलते रहते हैं
  • रियल एस्टेट (ज़मीन): स्थायी संपत्ति, पीढ़ियों तक साथ देने वाली विरासत

तो सवाल ये है – क्या आप खर्च कर रहे हैं या निवेश?


क्यों ज़रूरी है युवाओं के लिए ज़मीन में निवेश?

1. कम उम्र में निवेश = ज़्यादा लाभ

अगर कोई युवा 22–25 साल की उम्र में ज़मीन खरीदता है, तो 10–15 वर्षों में उसकी वैल्यू कई गुना बढ़ सकती है।
बचपन से ही सिखाया जाता है:
“जल्दी बोओ, जल्दी फल मिलेगा।”
बिलकुल यही सिद्धांत निवेश पर लागू होता है।

2. EMI से डरने की ज़रूरत नहीं

अगर आप 1500–2000 रुपये महीने का रिचार्ज, खाना बाहर का, घूमने का खर्च कर सकते हैं –
तो आप आसानी से एक प्लॉट की EMI भी दे सकते हैं।

3. ज़मीन कभी डूबती नहीं

शेयर बाजार गिर सकता है, बैंक डूब सकते हैं, लेकिन जमीन का मूल्य समय के साथ बढ़ता ही है।

4. ज़मीन है तो सबकुछ है

  • रिटायरमेंट के बाद स्थायित्व
  • बच्चों के लिए सुरक्षा
  • बिज़नेस शुरू करने की सुविधा
  • किराए पर देना
  • खुद का घर बनवाना

सोच बदलनी होगी – खर्च से निवेश की ओर

जब आप मोबाइल बदलने के लिए 25,000–50,000 रुपये खर्च कर सकते हैं, तो वो पैसा साल में एक बार ज़मीन की डाउन पेमेंट क्यों नहीं बन सकता?

सोचिए:

5 साल में 5 मोबाइल बदलने से अच्छा है, एक बार ज़मीन खरीदो – जो हमेशा के लिए आपकी हो।


EMI और प्लॉटिंग योजनाएं – एक सुनहरा अवसर

आज मार्केट में कई ऐसे डेवलपर्स हैं जो युवाओं को आसान EMI पर प्लॉटिंग की सुविधा दे रहे हैं।
बिना बैंक लोन, बिना ब्याज, सिर्फ ID और 2 फोटो के साथ आप ज़मीन का मालिक बन सकते हैं।

उदाहरण:

यदि आप महीने के सिर्फ ₹5000 EMI भरते हैं, तो आप एक साल में ₹60,000 तक की राशि जोड़ सकते हैं –
जिससे आप 500–1000 स्क्वायर फीट तक की ज़मीन खरीद सकते हैं (स्थान के अनुसार)।
यही ज़मीन 5 साल में 3–5 लाख की हो जाती है।


प्रेरणात्मक कहानी – “विकास की ज़मीन”

राजेश, एक साधारण परिवार से आने वाला लड़का, 23 साल की उम्र में पहली नौकरी में था। सभी दोस्त बाइक, मोबाइल और ब्रांडेड कपड़ों पर खर्च कर रहे थे। लेकिन राजेश ने हर महीने 4000 रुपये बचाकर एक प्लॉट लिया।
5 साल में वहीं रोड बना, बिजली आई, कॉलोनी विकसित हुई।
आज उस प्लॉट की कीमत ₹6 लाख है, जो उसने ₹60,000 में लिया था।

उसका कहना है:

“दोस्तों ने फ़ैशन बदले, मैंने भविष्य बनाया।”


ज़मीन vs लग्जरी चीज़ें – एक तुलनात्मक नज़रिया

खर्च का नामसालाना खर्च (औसतन)वैल्यू बढ़ेगी?
मोबाइल₹25,000❌ नहीं
बाइक₹80,000 – ₹1,50,000❌ नहीं
गैजेट्स / कपड़े₹30,000❌ नहीं
घूमना-फिरना₹50,000❌ नहीं
ज़मीन में निवेश₹50,000 – ₹1,00,000✅ हाँ (3x–5x)

आज की ज़मीन, कल की विरासत

“ज़मीन केवल चार दीवारों का टुकड़ा नहीं, ये आपके बच्चों के सपनों का आधार है।”

अगर आप आज ज़मीन नहीं खरीदेंगे, तो कल आपके बच्चे भी किराए पर रहेंगे।
एक समय पर जमीन की कीमतें इतनी बढ़ जाती हैं कि मध्यम वर्ग के लिए पहुंच से बाहर हो जाती हैं।
इसलिए –
आज कदम बढ़ाइए, कल गर्व से कहिए – ये ज़मीन मेरी है।


प्रदीप सक्सेना की सलाह:

“बदलती सोच, बदलता जीवन – खर्च से बचो, निवेश में भरोसा रखो।”

“जब दुनिया भाग रही हो लग्जरी की ओर, चलो चलें स्थायित्व की ओर।”


कैसे शुरू करें ज़मीन में निवेश?

  1. अपने शहर या कस्बे के आसपास के उभरते इलाकों की जानकारी लें
  2. अपने बजट के अनुसार प्लॉटिंग प्रोजेक्ट्स देखें
  3. डेवलपर की वैधता चेक करें – रजिस्ट्री, नक्शा, NOC आदि
  4. छोटी EMI से शुरू करें – जितनी आपकी औकात, उतनी शुरुआत
  5. हर साल एक छोटा निवेश करें – 5 साल में 5 प्लॉट होंगे

निष्कर्ष:

आज का युवा जो सोचता है, वही कल बनता है।
अगर आज आप भविष्य के लिए सही निर्णय लेते हैं, तो आने वाला कल सिर्फ सुरक्षित नहीं, बल्कि गर्व से भरा होगा।

याद रखिए –

“सोच बदलो, ज़मीन पकड़ो।”
“आज जमीन लोग सपने देखकर खरीदते हैं, कल वो सपने उस ज़मीन पर सच होते हैं।”

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