आज की दुनिया में करियर का चुनाव एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य बन चुका है। बच्चों से लेकर युवा और यहां तक कि प्रोफेशनल्स भी कई बार इस बात को लेकर उलझन में रहते हैं कि उन्हें अपने जीवन में क्या करना चाहिए, किस क्षेत्र में जाना चाहिए और कैसे अपने लक्ष्यों को पाना चाहिए। यही वह मोड़ होता है जहां एक अनुभवी और प्रेरणात्मक करियर कोच की आवश्यकता होती है।
प्रदीप सक्सेना, एक प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर और लाइफ कोच, पिछले कई वर्षों से हजारों युवाओं और प्रोफेशनल्स को सही दिशा दिखाने का कार्य कर रहे हैं। उनकी करियर कोचिंग न सिर्फ करियर चुनने तक सीमित रहती है, बल्कि वह जीवन की पूरी दिशा और दृष्टिकोण को सकारात्मक रूप से बदल देती है।
करियर कोचिंग क्या है?
करियर कोचिंग एक संरचित प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति को अपने करियर से जुड़े फैसले लेने में मार्गदर्शन दिया जाता है। इसमें व्यक्ति की रुचि, क्षमता, उपलब्ध संसाधनों और बाजार की मांग को समझते हुए एक रणनीति बनाई जाती है।
यह एक तरह की “जीवन योजना” है जो भविष्य को स्पष्ट बनाती है और आत्मविश्वास को बढ़ाती है। करियर कोच का कार्य केवल सलाह देना नहीं होता, बल्कि व्यक्ति को खुद अपने निर्णयों के प्रति जागरूक करना और उन्हें सशक्त बनाना होता है।
प्रदीप सक्सेना की भूमिका एक करियर कोच के रूप में
1. अनुभव और दृष्टिकोण
प्रदीप सक्सेना ने अपनी जीवन यात्रा में कई संघर्षों का सामना कर सफलता प्राप्त की है। उनका यही अनुभव उन्हें एक बेहतरीन कोच बनाता है। वे केवल किताबी ज्ञान नहीं देते, बल्कि वास्तविक जीवन की परिस्थितियों से मिले सबक लोगों के सामने रखते हैं।
उनका मानना है –
“हर व्यक्ति में कुछ खास होता है, बस उसे पहचानने और सही दिशा देने की ज़रूरत होती है।”
2. व्यक्तिगत मार्गदर्शन (One-on-One Coaching)
प्रदीप सक्सेना प्रत्येक व्यक्ति की विशिष्टता को समझते हैं। वे जनरल सलाह की बजाय, व्यक्तिगत दृष्टिकोण अपनाते हैं। करियर कोचिंग के दौरान वे व्यक्ति की सोच, रुचि, व्यवहार और आत्मबल का गहराई से विश्लेषण करते हैं और उसी के अनुसार योजना बनाते हैं।
3. स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए करियर कोचिंग
आज के छात्र अक्सर 10वीं और 12वीं के बाद करियर को लेकर असमंजस में रहते हैं। इंजीनियरिंग करें या मेडिकल? सरकारी नौकरी की तैयारी करें या प्राइवेट सेक्टर में जाएं? प्रदीप सक्सेना छात्रों को उनके इंटरेस्ट, स्किल और ट्रेंड के अनुसार मार्गदर्शन देते हैं।
वे यह नहीं बताते कि क्या करना चाहिए, बल्कि यह सिखाते हैं कि “कैसे खुद यह तय करें कि क्या करना है?”
करियर में उलझे युवाओं के लिए कोचिंग
आज के समय में डिग्रियाँ तो बहुत लोग ले लेते हैं, लेकिन नौकरी या व्यवसाय में असफलता का सामना करते हैं। कारण यही होता है –
गलत दिशा में की गई मेहनत।
प्रदीप सक्सेना युवाओं को यह समझाते हैं कि:
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हर व्यक्ति की सफलता की परिभाषा अलग होती है
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ज़रूरी नहीं कि जो राह सबने चुनी है वही आपके लिए भी सही हो
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अपने पैशन को करियर में कैसे बदला जाए, यह जानना ही असली जीत है
उनकी सेशन्स में युवाओं को आत्ममूल्यांकन की प्रक्रिया से गुजारा जाता है, जिससे वे खुद को बेहतर समझ पाते हैं।
प्रोफेशनल्स और नौकरीपेशा लोगों के लिए करियर गाइडेंस
कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति नौकरी कर रहा होता है लेकिन उसे अपने काम में संतुष्टि नहीं मिलती। उसे लगता है कि कुछ और करना चाहिए था, लेकिन क्या – यह स्पष्ट नहीं होता।
प्रदीप सक्सेना ऐसे प्रोफेशनल्स को खुद की क्षमताओं को दोबारा पहचानने, स्किल अपग्रेड करने और नया रास्ता चुनने में सहायता करते हैं। वे करियर शिफ्ट करने की मानसिक तैयारी से लेकर व्यावहारिक रणनीतियों तक, पूरी योजना के साथ मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
प्रदीप सक्सेना की कोचिंग का तरीका
1. Assessment और Evaluation
शुरुआत में ही व्यक्ति की रुचि, क्षमता, सोच, व्यवहार और उद्देश्य का मूल्यांकन किया जाता है। इसके लिए वे विभिन्न मानसिक और व्यवहारिक टेस्ट का सहारा लेते हैं।
2. Goal Setting (लक्ष्य निर्धारण)
प्रदीप जी मानते हैं कि बिना लक्ष्य के जीवन दिशाहीन होता है। वे हर व्यक्ति को अपने छोटे-छोटे और बड़े लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रेरित करते हैं।
3. Action Plan (कार्य योजना)
कोचिंग का सबसे महत्वपूर्ण भाग है – सही दिशा में काम करना। वे हर व्यक्ति के लिए एक “Action Plan” तैयार करते हैं जिसमें पढ़ाई, स्किल डेवलपमेंट, टाइम मैनेजमेंट, जॉब सर्च या व्यवसाय की रणनीति शामिल होती है।
4. मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ाना
कोचिंग केवल दिशा दिखाना नहीं, बल्कि अंदर से मजबूत बनाना भी है। प्रदीप सक्सेना हर सेशन में मोटिवेशनल उदाहरण, कहानियों और अभ्यासों के जरिए व्यक्ति का आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच बढ़ाते हैं।
करियर कोचिंग से होने वाले फायदे
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स्पष्टता: अब आप जानते हैं कि आपको क्या करना है और क्यों करना है
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उत्साह: जब रास्ता साफ होता है तो आत्मविश्वास खुद-ब-खुद आता है
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दृष्टिकोण में बदलाव: असफलता अब डरावनी नहीं लगती, बल्कि सीखने का अवसर बन जाती है
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व्यक्तिगत विकास: सिर्फ करियर नहीं, बल्कि पूरा व्यक्तित्व बेहतर बनता है
कोचिंग का असर – कुछ वास्तविक अनुभव
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राहुल यादव (रीवा, म.प्र.)
“मैं इंजीनियरिंग कर रहा था, लेकिन मन नहीं लग रहा था। प्रदीप सर से मिलने के बाद मुझे समझ आया कि मेरा इंटरेस्ट डिजिटल मार्केटिंग में है। आज मैं एक अच्छी कंपनी में काम कर रहा हूँ।” -
नैना शर्मा (लखनऊ, यूपी)
“12वीं के बाद कन्फ्यूजन था कि मेडिकल जाऊं या नहीं। प्रदीप सर ने मेरी सोच को इतना साफ किया कि मैंने बायोटेक्नोलॉजी चुना और आज रिसर्च फील्ड में आगे बढ़ रही हूँ।”
विशेषताएं जो प्रदीप सक्सेना को अन्य कोच से अलग बनाती हैं
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जीवन के व्यवहारिक अनुभव के साथ मार्गदर्शन
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हर स्तर के लोगों के लिए उपयुक्त समाधान – छात्र, युवा, प्रोफेशनल्स
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प्रेरणात्मक, सहज और सरल भाषा में संवाद
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हर व्यक्ति को सम्मान और ध्यान से सुनने की क्षमता
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लक्ष्य आधारित संरचित सेशन्स
अंतिम संदेश – सफलता की ओर पहला कदम
हर व्यक्ति जीवन में कुछ बनना चाहता है, कुछ कर दिखाना चाहता है। लेकिन सही दिशा के बिना मेहनत भी बेकार हो जाती है। प्रदीप सक्सेना जैसे अनुभवी करियर कोच के मार्गदर्शन में, आप न केवल अपनी मंज़िल पहचानते हैं, बल्कि वहां तक पहुंचने का रास्ता भी तय कर लेते हैं।
उनका स्पष्ट संदेश है:
“आपकी मंज़िल आपसे दूर नहीं है, बस आपको सही दिशा में चलना शुरू करना है।”
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